आत्महत्या एक डरावनी प्रेम कहानी # लेखनी धारावाहिक प्रतियोगिता -09-Sep-2022
भाग 19
सावन की आत्मा ने सिद्धार्थ के शरीर में प्रवेश कर साधना को बचाया।पहले केंचुओं के डर से बेहोश होने पर फिर बड़ी भाभी के शरीर में घुसी दीपा की आत्मा के धक्का देने पर।
गुड़िया सिद्धार्थ की छोटी बहन और उसकी बड़ी भाभी ने साधना के बक्से में से सबसे सुंदर कपड़े निकाल कर पहन लिए।
दीपा की आत्मा ने उन्हें मजा चखाने के लिए दोनों को गिरा दिया।
गतांक से आगे....
साधना को उस लंहगे के ना मिलने पर अपने सावन की आखिरी निशानी को खोने का दुख था।पर जब सावन ही उसे छोड़ कर समाज के डर से भाग गया,तो उसकी निशानी को संजोए रखना भी मूर्खता ही लग रही थी उसे।
अच्छा हुआ जो लहंगा खो गया।
अब मुझे सावन को भूलना होगा उसकी यादों से बाहर निकलना होगा।
सावन के बिना रहना, खुद को हर पल मारने जैसा ही तो है।जब आत्महत्या का यह रास्ता चुना है तो इसमें सफल होना है।
खुद को कष्ट देते हुए निकल जाऊंगी उसकी पुरानी सारी यादों से।
साधना ने अपनी डायरी निकाली और लिखना शुरू कर दिया। मैं पूरे दिन की सभी बातें इस में लिखा करूंगी।यह सुसाइड नोट समान ही बन जाएगा मेरे जीवन का। जिसे सबसे बचाकर रखना होगा।
साधना ने अपने मन को समझाया और बार बार दोहराया... भूल जाऊंगी..भूल जाऊंगी ... सावन मेरा बीता कल था अतीत था। उसे मार दूंगी अपनी यादों से।उसकी हर निशानी को दूर कर दूंगी।
क्या पता था साधना को कि सावन ने तो खुद को उसी दिन मार डाला था जब साधना सिद्धार्थ के साथ फेरे ले रही थी।
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इधर पार्टी में...
पार्टी में शामिल सभी लोग साधना को देख आपस में फुसफुसा रहे थे।
"सिद्धार्थ कितना सुन्दर और स्मार्ट है और यह कहीं से भी उसकी पत्नी जैसी नहीं लग रही। पता नहीं कैसे पसंद आ गई सिद्धार्थ सर को यह । बेचारे सर.. का जीवन बर्बाद हो जाएगा इसके साथ रहकर। "
यह बातें कह रहीं थी सिद्धार्थ के स्कूल से आई टीचर्स जो उसकी स्मार्टनेस पर फिदा थीं।
सभी टीचर ने मिलकर सिद्धार्थ के लिए शादी के तोहफे में एक गोदरेज दिया था।यह सोचकर कि अलग अलग गिफ्ट देने से अच्छा एक बड़ा गिफ्ट ही दे देते हैं।अलमारी में सिद्धार्थ और उसकी पत्नी अपने कपड़े रख लिया करेंगे और हमें याद करेंगे कि कितना अच्छा गिफ्ट दिया हमने।पर अब उन्हें लग रहा था पैसे बर्बाद कर दिए।
सबने जमकर खाना खाया और साथ ही साधना का मज़ाक उड़ाते हुए हंँस रहे थे।
"कैसे कपड़े पहने हैं। शादी में लगता है इसके माँ बाप ने कुछ नहीं दिया।अरे! इसकी शादी करवा कर उन्होंने भी अपना बोझा यहांँ सिद्धार्थ सर के माथे पटक दिया। ना कोई गहना ही पहनी है यह और ना ही मेकअप।असली नहीं तो कम से कम आर्टिफिशियल ज्वेलरी ही दे देते।अरे! हमें क्या पता था कि इसके पास एक ही अच्छे कपड़े आज इसी कि रिसेप्शन पार्टी में पहनने के लिए नहीं होंगे तो हम अलमारी की जगह एक लंहगा या अच्छी सी भारी साड़ी ही खरीद लाते। पता नहीं सिद्धार्थ ने भी किस गरीब बदसूरत लड़की से शादी कर ली! "
क्रमशः
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कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी धा
Khushbu
05-Oct-2022 03:53 PM
Nice part 👌
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Gunjan Kamal
30-Sep-2022 10:02 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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